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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Unwan Chishti's Photo'

उनवान चिश्ती

1937 - 2004 | दिल्ली, भारत

उनवान चिश्ती

अशआर 10

आप से चूक हो गई शायद

आप और मुझ पे मेहरबाँ क्या ख़ूब

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इश्क़ फिर इश्क़ है आशुफ़्ता-सरी माँगे है

होश के दौर में भी जामा-दरी माँगे है

इस कार-ए-नुमायाँ के शाहिद हैं चमन वाले

गुलशन में बहारों को लाए थे हमीं पहले

मिरी समझ में गया हर एक राज़-ए-ज़िंदगी

जो दिल पे चोट पड़ गई तो दूर तक नज़र गई

हुस्न ही तो नहीं बेताब-ए-नुमाइश 'उनवाँ'

इश्क़ भी आज नई जल्वागरी माँगे है

ग़ज़ल 15

पुस्तकें 30

ऑडियो 6

इश्क़ फिर इश्क़ है आशुफ़्ता-सरी माँगे है

किसी के फ़ैज़-ए-क़ुर्ब से हयात अब सँवर गई

जब ज़ुल्फ़ शरीर हो गई है

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