अजमल सिराज
ग़ज़ल 25
अशआर 22
उस ने पूछा था क्या हाल है
और मैं सोचता रह गया
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किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है
किसे बताएँ हमारा जो हाल हो गया है
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ग़म सभी दिल से रुख़्सत हुए
दर्द बे-इंतिहा रह गया
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ये उदासी का सबब पूछने वाले 'अजमल'
क्या करेंगे जो उदासी का सबब बतलाया
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वीडियो 8
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