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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Ameer Qazalbash's Photo'

अमीर क़ज़लबाश

1943 - 2003 | दिल्ली, भारत

लोकप्रिय शायर और फि़ल्म गीतकार/प्रेम रोग और राम तेरी गंगा मैली के गीतों के लिए मशहूर

लोकप्रिय शायर और फि़ल्म गीतकार/प्रेम रोग और राम तेरी गंगा मैली के गीतों के लिए मशहूर

अमीर क़ज़लबाश के ऑडियो

ग़ज़ल

अपने हमराह ख़ुद चला करना

नोमान शौक़

आँखें खुली हुई हैं तो मंज़र भी आएगा

नोमान शौक़

इक परिंदा अभी उड़ान में है

नोमान शौक़

उन की बे-रुख़ी में भी इल्तिफ़ात शामिल है

नोमान शौक़

जाने ये किस की बनाई हुई तस्वीरें हैं

नोमान शौक़

दामन पे लहू हाथ में ख़ंजर न मिलेगा

नोमान शौक़

न पूछ मंज़र-ए-शाम-ओ-सहर पे क्या गुज़री

नोमान शौक़

नज़र में हर दुश्वारी रख

नोमान शौक़

बंद आँखों से वो मंज़र देखूँ

नोमान शौक़

मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा

नोमान शौक़

यकुम जनवरी है नया साल है

नोमान शौक़

वो सर-फिरी हवा थी सँभलना पड़ा मुझे

नोमान शौक़

हर रहगुज़र में काहकशाँ छोड़ जाऊँगा

नोमान शौक़

हाँ ये तौफ़ीक़ कभी मुझ को ख़ुदा देता था

नोमान शौक़

अगर मस्जिद से वाइज़ आ रहे हैं

ख़ालिद मुबश्शिर

क्या ख़रीदोगे चार आने में

ख़ालिद मुबश्शिर

नदी के पार उजाला दिखाई देता है

ख़ालिद मुबश्शिर

बनते हैं फ़रज़ाने लोग

ख़ालिद मुबश्शिर

हर एक हाथ में पत्थर दिखाई देता है

ख़ालिद मुबश्शिर

हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब

ख़ालिद मुबश्शिर

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