Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Fana Nizami Kanpuri's Photo'

फ़ना निज़ामी कानपुरी

1922 - 1988 | कानपुर, भारत

सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल, अपने ख़ास तरन्नुम के लिए मशहूर।

सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल, अपने ख़ास तरन्नुम के लिए मशहूर।

फ़ना निज़ामी कानपुरी

ग़ज़ल 26

अशआर 37

इस तरह रहबर ने लूटा कारवाँ

'फ़ना' रहज़न को भी सदमा हुआ

  • शेयर कीजिए

इस मौज की टक्कर से साहिल भी लरज़ता है

कुछ रोज़ जो तूफ़ाँ की आग़ोश में पल जाए

कोई समझेगा क्या राज़-ए-गुलशन

जब तक उलझे काँटों से दामन

दिल से अगर कभी तिरा अरमान जाएगा

घर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा

वो आँख क्या जो आरिज़ रुख़ पर ठहर जाए

वो जल्वा क्या जो दीदा दिल में उतर जाए

पुस्तकें 1

 

चित्र शायरी 7

 

वीडियो 22

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए

फ़ना निज़ामी कानपुरी

फ़ना निज़ामी कानपुरी

फ़ना निज़ामी कानपुरी

फ़ना निज़ामी कानपुरी

फ़ना निज़ामी कानपुरी

जब मेरे रास्ते में कोई मय-कदा पड़ा

फ़ना निज़ामी कानपुरी

या रब मिरी हयात से ग़म का असर न जाए

फ़ना निज़ामी कानपुरी

घर हुआ गुलशन हुआ सहरा हुआ

फ़ना निज़ामी कानपुरी

डूबने वाले की मय्यत पर लाखों रोने वाले हैं

फ़ना निज़ामी कानपुरी

डूबने वाले की मय्यत पर लाखों रोने वाले हैं

फ़ना निज़ामी कानपुरी

मेरे चेहरे से ग़म आश्कारा नहीं

फ़ना निज़ामी कानपुरी

रहता है मय-ख़ाने ही के आस-पास

फ़ना निज़ामी कानपुरी

साक़िया तू ने मिरे ज़र्फ़ को समझा क्या है

फ़ना निज़ामी कानपुरी

हम आगही-ए-इश्क़ का अफ़्साना कहेंगे

फ़ना निज़ामी कानपुरी

ऑडियो 8

ऐ हुस्न ज़माने के तेवर भी तो समझा कर

ग़म हर इक आँख को छलकाए ज़रूरी तो नहीं

तू फूल की मानिंद न शबनम की तरह आ

Recitation

संबंधित कलाकार

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए