जगन्नाथ आज़ाद के क़िस्से
ट्रेन का सफ़र और निशात-ए-ग़म
जगन्नाथ आज़ाद, बिस्मिल सईदी टोंकी, साहिर होशियारपुरी और कुछ दूसरे शायर मद्रास के एक मुशायरे में शमूलियत के लिए थ्री टायर डिब्बे में सफ़र कर रहे थे। आज़ाद साहब दरमियान में लेटे हुए थे। उन्होंने आवाज़ देकर नीचे लेटे हुए बिस्मिल साहब से कहा, “कुछ पढ़ने के लिए
पाकिस्तान में सब्ज़ियाँ?
जगन्नाथ आज़ाद पहली दफ़ा पाकिस्तान पहुंचे। मुदीर “नुक़ूश” मुहम्मद तुफ़ैल ने उनके ए’ज़ाज़ में दावत दी जिसमें एहतिरामन सिर्फ़ सब्ज़ियाँ ही रखी गईं। खाना ख़त्म होने के बाद जगन्नाथ आज़ाद ने तुफ़ैल साहब को मुख़ातिब करके कहा, “अगर आपको सब्ज़ियाँ ही खिलानी थीं तो
एक चम्मच चीनी
जगन्नाथ आज़ाद अटलांटा तशरीफ़ ले गए तो चाय देते हुए मेज़बान ने पूछा कि आज़ाद साहब चीनी कितनी लेंगे? जवाब दिया, “अपने घर में तो एक ही चम्मच लेता हूँ लेकिन बाहर चाय पीने पर 2-3 चम्मच से कम चीनी नहीं लेता।” इस पर मेज़बान ने एक चम्मच चीनी उनकी चाय में डालते