aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1931 - 2008 | रांची, भारत
प्रकाश फ़िक्री (ज़हीरुल हक़) आधुनिक उर्दू शायरों में विशिष्ट स्थान प्राप्त। सफ़र सितारा और एक ज़रा सी बारिश उनकी किताबें हैं।
जिधर देखो लहू बिखरा हुआ है
निशाना कौन गोली का बना है
मुझे तो यूँ भी इसी राह से गुज़रना था
दिल-ए-तबाह का कुछ तो इलाज करना था
मुर्दा पड़े थे लोग घरों की पनाह में
दरिया वफ़ूर-ए-ग़ैज़ से बिफरा था चार सू
यूँ तो अपनों सा कुछ नहीं इस में
फिर भी ग़ैरों से वो अलग सा है
लर्ज़ां है किसी ख़ौफ़ से जो शाम का चेहरा
आँखों में कोई ख़्वाब पिरोने नहीं देता
Amrit Aur Wish
Ek Zara Si Barish
2004
Safar Sitara
1996
Shumara Number-016
1971
Shumara Number-017
Shumara Number-018
Shumara Number-021,022
1972
Shumara Number-029
Shumara Number-032,033
1973
Shumara Number-034
You have exhausted 5 free content pages per year. Register and enjoy UNLIMITED access to the whole universe of Urdu Poetry, Rare Books, Language Learning, Sufi Mysticism, and more.
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books