Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Tahzeeb Hafi's Photo'

युवा पीढ़ी के प्रतिनिधि शायर, जो अपने मुन्फ़रिद अंदाज़ की शाइरी के लिए जाने जाते हैं

युवा पीढ़ी के प्रतिनिधि शायर, जो अपने मुन्फ़रिद अंदाज़ की शाइरी के लिए जाने जाते हैं

तहज़ीब हाफ़ी

ग़ज़ल 39

नज़्म 8

अशआर 23

मैं कि काग़ज़ की एक कश्ती हूँ

पहली बारिश ही आख़िरी है मुझे

तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया

इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया

ये एक बात समझने में रात हो गई है

मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है

अपनी मस्ती में बहता दरिया हूँ

मैं किनारा भी हूँ भँवर भी हूँ

दास्ताँ हूँ मैं इक तवील मगर

तू जो सुन ले तो मुख़्तसर भी हूँ

क़ितआ 1

 

वीडियो 5

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
शायर अपना कलाम पढ़ते हुए
At a Hyderabad mushaira

तहज़ीब हाफ़ी

Reciting his own poetry

तहज़ीब हाफ़ी

Sham e Ghazal Chowk Qureshi Muzaffargarh

तहज़ीब हाफ़ी

इक तिरा हिज्र दाइमी है मुझे

तहज़ीब हाफ़ी

सहरा से आने वाली हवाओं में रेत है

तहज़ीब हाफ़ी

ऑडियो 3

तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया

पराई आग पे रोटी नहीं बनाऊँगा

ये एक बात समझने में रात हो गई है

Recitation

 

संबंधित कलाकार

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए