राहुल झा
ग़ज़ल 13
नज़्म 1
अशआर 6
अज़ल से मेरी हिफ़ाज़त का फ़र्ज़ है उन पर
सभी दुखों को मेरे आस-पास होना है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
उस ने इक बार तो झाँका भी था मुझ में लेकिन
उस से देखी न गई वुसअत-ए-तन्हाई मिरी
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
मैं आज सोग मनाना सिखाने वाला हूँ
इधर को आएँ जिन्हें महव-ए-यास होना है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ये आशिक़ी तिरे बस की नहीं सो रहने दे
कि तेरा काम तो बस ना-सिपास होना है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए