काशिफ़ हुसैन ग़ाएर
ग़ज़ल 32
अशआर 29
कुछ देर बैठ जाइए दीवार के क़रीब
क्या कह रहा है साया-ए-दीवार जानिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
क्या कहें और दिल के बारे में
हम मुलाज़िम हैं इस इदारे में
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
न हम वहशत में अपने घर से निकले
न सहरा अपनी वीरानी से निकला
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
नींद उड़ने लगी है आँखों से
धूल जमने लगी है बिस्तर पर
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
पेड़ हो या कि आदमी 'ग़ाएर'
सर-बुलंद अपनी आजिज़ी से हुआ
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए