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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : जोर्ज पेश शोर

प्रकाशक : मतबा जगत प्रकाश, मेरठ

मूल : मेरठ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1890

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 252

सहयोगी : असलम महमूद

deewan-e-shore
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लेखक: परिचय

शोर, जार्ज पेश(1823-1894)अलीगढ़ में आबाद फ्राँसीसी ख़ानदान के थे। वहीं पारम्परिक तरीक़े से उर्दू और फ़ारसी की ता’लीम हासिल की। पुलिस की नौकरी की और फिर मेरठ में बस गए। 1857 की जंग-ए-आज़दी के दौरान उन्हें ख़ासी परेशानियाँ उठानी पड़ीं जिस का बयान उनकी आत्मकथा ‘दास्तान-ए-गदर’ में मिलता है। उनके कई दीवान मौजूद हैं।

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