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नज़्में

नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म (गद्द-कविता) भी उर्दू में स्थापित हो गई है।

1965

सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल, मुशायरों का ज़रूरी हिस्सा।

1884 -1955

स्वतंत्रता सेनानी, वकील, 1935 में यूपी विधानसभा के निर्वाचित सदस्य

1946 -2020

प्रमुख पाकिस्तानी शायर जो हाइकु विधा की शायरी के लिए जाने जाते हैं

1955

कहानीकार और साहित्यिक पत्रिका ‘सालिस’ के सम्पादक.

1936 -2003

पाकिस्तानी आधुनिक उर्दू आलोचना के संस्थापक

1943

पाकिस्तान में अग्रणी शायरों में शामिल, अपनी सांस्कृतिक रूमानियत के लिए मशहूर।

1927 -1978

पाकिस्तानी शायर , अपनी ग़ज़ल ' कल चौदहवीं की रात ' थी , के लिए प्रसिद्ध

1928 -1980

उर्दू के सबसे बड़े जासूसी उपन्यासकार जो पहले ' असरार नारवी ' के नाम से शायरी करते थे।

1960 -2023

शायर, आलोचक, पत्रकार और साहित्यिक पत्रिका "तमसील-ए-नौ" के ऑनरेरी संपादक

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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