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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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Anwar Sadeed's Photo'

ख्यातिप्राप्त पाकिस्तानी आलोचक, शोधकर्ता, शायर और कॉलम लेखक; ‘उर्दू अदब की तहरिकें’ और ‘उर्दू अफ़साने में देहात की पेशकश’ के अलावा दर्जनों अहम किताबों के लेखक; कई महत्वपूर्ण समाचारपत्र और साहित्यिक पत्रिकाओं को सम्पादकीय सहयोग दिया

ख्यातिप्राप्त पाकिस्तानी आलोचक, शोधकर्ता, शायर और कॉलम लेखक; ‘उर्दू अदब की तहरिकें’ और ‘उर्दू अफ़साने में देहात की पेशकश’ के अलावा दर्जनों अहम किताबों के लेखक; कई महत्वपूर्ण समाचारपत्र और साहित्यिक पत्रिकाओं को सम्पादकीय सहयोग दिया

अनवर सदीद

ग़ज़ल 21

नज़्म 2

 

अशआर 20

आशियानों में जब लौटे परिंदे तो 'सदीद'

दूर तक तकती रहीं शाख़ों में आँखें सुब्ह तक

उस के बग़ैर ज़िंदगी कितनी फ़ुज़ूल है

तस्वीर उस की दिल से जुदा कर के देखते

कल शाम परिंदों को उड़ते हुए यूँ देखा

बे-आब समुंदर में जैसे हो रवाँ पानी

जो फूल झड़ गए थे जो आँसू बिखर गए

ख़ाक-ए-चमन से उन का पता पूछता रहा

हम ने हर सम्त बिछा रक्खी हैं आँखें अपनी

जाने किस सम्त से जाए सवारी तेरी

लेख 1

 

पुस्तकें 34

"सरगोधा" के और शायर

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