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क़ाएम चाँदपुरी

1725 - 1794 | फ़ैज़ाबाद, भारत

18वी सदी के अग्रणी शायर, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

18वी सदी के अग्रणी शायर, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

क़ाएम चाँदपुरी का परिचय

उपनाम : 'क़ाएम'

मूल नाम : शैख़ मोहम्मद क़यामुद्दीन

जन्म :चांदपुर, उत्तर प्रदेश

निधन : रामपुर, उत्तर प्रदेश

संबंधी : नवाब मोहम्मद यार ख़ाँ अमीर (शिष्य), मोहम्मद रफ़ी सौदा (शिष्य)

'असर' मुलाज़िम-ए-सरकार-ए-गिर्या हो

याँ जुज़ गुहर ख़ज़ाने में तनख़्वाह ही नहीं

अठारहवीं सदी के मुम्ताज़ शाइ'रों की सफ़-ए-अव्वल में शामिल हैं। ‘क़ाएम’ चाँदपुरी की पैदाइश तक़रीबन 1725 में क़स्बा चाँदपुर, ज़िला बिजनौर के क़रीब 'महदूद' नाम के एक गाँव में हुई थी लेकिन बचपन से दिल्ली में आ रहे और अपने तज़्किरा ‘मख़्ज़न-ए–निकात’ की तारीख़-ए-तसनीफ़ या'नी 1755 तक शाही मुलाज़मत के सिलसिले से दिल्ली में रहे। दिल्ली की तबाही और हालात की ना-साज़गारी से बद-दिल होकर दिल्ली से टांडा पहुँचे। जब यहाँ के हालात भी अबतर हो गए तो उन्हें मजबूरन टांडा भी छोड़ना पड़ा। इस तरह उ’म्र भर रोज़गार की तलाश में हैरान-ओ-परेशान वो एक शहर से दूसरे शहर में फिरते रहे, आख़िर 1780 में रामपुर चले गए जहाँ 1794 में क़ैद-ए-हयात से नजात पाई।

इस्लाह-ए-शे'र-ओ-सुख़न के सिलसिले में 'क़ाएम' सब से पहले शाह हिदायत की सोहबत से फ़ैज़-याब हुए उसके बा’द पहले ख़्वाजा मीर 'दर्द' और फिर मोहम्मद रफ़ीअ’ 'सौदा' के शागिर्द हुए।

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