शकील जमाली
ग़ज़ल 30
नज़्म 1
अशआर 23
ग़म के पीछे मारे मारे फिरना क्या
ये दौलत तो घर बैठे आ जाती है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
ज़िंदगी ऐसे भी हालात बना देती है
लोग साँसों का कफ़न ओढ़ के मर जाते हैं
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
सब से पहले दिल के ख़ाली-पन को भरना
पैसा सारी उम्र कमाया जा सकता है
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए
हो गई है मिरी उजड़ी हुई दुनिया आबाद
मैं उसे ढूँढ रहा हूँ ये बताने के लिए
-
शेयर कीजिए
- ग़ज़ल देखिए