रुबाई
रुबाई उर्दू की नज़्म-शायरी की विधा है जो चार मिसरों पर आधारित होती है। इन चार मिसरों में पहले, दूसरे और चौथे मिसरों में क़ाफ़िए की समानता होती है। रुबाई के लिए 24 वज़्न (छंद) तय हैं। किसी रुबाई के सारे मिसरे इन में से किसी एक वज़्न में हो सकते हैं और हर मिसरा अलग वज़्न में भी हो सकता है।
दाग़ के समकालीन, उर्दू और फ़ारसी में शायरी की, आधुनिक शायरी के आंदोलन से प्रभावित होकर नये अंदाज़ की नज़्में भी लिखीं
हिंदी के नवीकरण के प्रचारक, क्लासिकी शैली में अपनी उर्दू ग़ज़ल के लिए प्रसिद्ध