रुबाई
रुबाई उर्दू की नज़्म-शायरी की विधा है जो चार मिसरों पर आधारित होती है। इन चार मिसरों में पहले, दूसरे और चौथे मिसरों में क़ाफ़िए की समानता होती है। रुबाई के लिए 24 वज़्न (छंद) तय हैं। किसी रुबाई के सारे मिसरे इन में से किसी एक वज़्न में हो सकते हैं और हर मिसरा अलग वज़्न में भी हो सकता है।
सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल/प्रमुख फि़ल्म गीतकार/अपनी गज़ल ‘गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते है’ के लिए प्रसिद्ध