aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "جون"
उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्यादाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हमबिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगेजाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
बे-क़रारी सी बे-क़रारी हैवस्ल है और फ़िराक़ तारी है
तेरा फ़िराक़ जान-ए-जाँ ऐश था क्या मिरे लिएया'नी तिरे फ़िराक़ में ख़ूब शराब पी गई
बे-दिली क्या यूँही दिन गुज़र जाएँगेसिर्फ़ ज़िंदा रहे हम तो मर जाएँगे
है वो जान अब हर एक महफ़िल कीहम भी अब घर से कम निकलते हैं
तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त होमैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो
अपने सब यार काम कर रहे हैंऔर हम हैं कि नाम कर रहे हैं
गाहे गाहे बस अब यही हो क्यातुम से मिल कर बहुत ख़ुशी हो क्या
सर ही अब फोड़िए नदामत मेंनींद आने लगी है फ़ुर्क़त में
तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत होजो मिले ख़्वाब में वो दौलत हो
इक हुनर है जो कर गया हूँ मैंसब के दिल से उतर गया हूँ मैं
एक ही मुज़्दा सुब्ह लाती हैधूप आँगन में फैल जाती है
अभी इक शोर सा उठा है कहींकोई ख़ामोश हो गया है कहीं
जो यकसर जान है उस के बदन सेकहो कुछ इस्तिफ़ादा कर लिया क्या
सीना दहक रहा हो तो क्या चुप रहे कोईक्यूँ चीख़ चीख़ कर न गला छील ले कोई
अजब कुछ रब्त है तुम से कि तुम कोहम अपना जान कर ठुकरा रहे हैं
उस की ख़ुशियों से जलने वाला 'जौन'अपनी ईज़ा-दही को भूल गया
आदमी वक़्त पर गया होगावक़्त पहले गुज़र गया होगा
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books