आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "daasii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "daasii"
ग़ज़ल
लगा हूँ मैं 'तलब' इस सच को झुटलाने में बरसों से
मैं कल आक़ा था जिस का अब मिरे बेटे की दासी है
ख़ुर्शीद तलब
ग़ज़ल
फूलों के गजरे तोड़ गई आकाश पे शाम सलोनी शाम
वो राजा ख़ुद कैसे होंगे जिन की ये चंचल दासी है
यूसुफ़ ज़फ़र
ग़ज़ल
वो जिस्म के अलावा कुछ और भी तो होती
बंगला की प्रेम-दासी मंदिर की देव-दासी