Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

तंज़-ओ-मिज़ाह पर हास्य शायरी

तंज़-ओ-मिज़ाह की शायरी

बयक-वक़्त कई डाईमेंशन रखती है, इस में हंसने हंसाने और ज़िंदगी की तलख़ियों को क़हक़हे में उड़ाने की सकत भी होती है और मिज़ाह के पहलू में ज़िंदगी की ना-हमवारियों और इंसानों के ग़लत रवय्यों पर तंज और मिज़ाह के पैराए में एक तख़लीक़-कार वो सब कह जाता है जिस के इज़हार की आम ज़िंदगी में तवक़्क़ो भी नहीं की जा सकती। ये शायरी पढ़िए और ज़िंदगी के उन दिल-चस्प इलाक़ों की सैर कीजिए।

तारीफ़

बद्र मुनीर

ओ देस से आने वाले बता

क़ाज़ी गुलाम मोहम्मद

रफ़्तार

बद्र मुनीर

दु'आ

बद्र मुनीर

हस्सास इदारे

बद्र मुनीर

लड़कियो

बद्र मुनीर

नया हाथी

रज़ा नक़वी वाही

रक़्स में आज चारपाई है

बेतकल्लुफ़ शाजापुरी

पेंशन-याफ़ता

ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी

न देखो

ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी

रक़्स में आज चारपाई है

बेतकल्लुफ़ शाजापुरी

जश्न-ए-मसर्रत

शौकत जमाल

फुर्तियाँ

बद्र मुनीर

बे-ज़बान

मुख़तसर आज़मी

नदी नाले में कूद जाऊँगा

वहिद अंसारी बुरहानपुरी

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए