aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
अजमल सिराज उर्दू अदब के एक मारूफ़ शायर हैं जो जदीद ग़ज़ल के मैदान में अपनी मुनफ़रिद तर्ज़ और दिलकश उस्लूब के लिए जाने जाते हैं। उनका तअल्लुक़ पाकिस्तान से है और उनकी शायरी में मोहब्बत, ज़िंदगी, तन्हाई, और समकालीन समस्याओं को इंतिहाई ख़ूबसूरत अंदाज़ में पेश किया गया है। अजमल सिराज ने अपनी शायरी के ज़रिए नौजवान नस्ल के जज़्बात और एहसासात को बड़ी महारत से बयान किया है।
उनकी शायरी में क्लासीकी और जदीद अनासिर का हसीन इम्तिजाज़ पाया जाता है, जिसकी वजह से वो उर्दू अदब में एक ख़ास मक़ाम रखते हैं। अजमल सिराज की कई किताबें शाए हो चुकी हैं, और उनकी ग़ज़लें मुख़्तलिफ़ मुशायरों और अदबी महफ़िलों में बड़ी दिलचस्पी से सुनी जाती हैं। उनके अशआर मोहब्बत करने वालों के दिल की आवाज़ बन चुके हैं और उनके लफ़्ज़ों में एक अजीब सी दिलकशी और गहराई पाई जाती है।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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