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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : एहसान दानिश

प्रकाशक : मकतबा-ए-दानिश मज़ंग, लाहौर

मूल : लाहौर, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1951

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : भाषा एवं साहित्य

उप श्रेणियां : भाषा

पृष्ठ : 146

सहयोगी : इदारा-ए-अदबियात-ए-उर्दू, हैदराबाद

dastoor-e-urdu
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पुस्तक: परिचय

اردو روز مرہ اور بول چال میں عام طور پر ہم سے تلفظ تو کہیں تذکیرو تانیث اور کہیں صیغہ کا غلط استعمال سے زبان کے کئی اغلاط راہ پاگئی ہیں۔ان ہی اغلاط کو دور کرنے کی غرض سے احسان دانش صاحب نے زیر نظر کتاب "دستور اردو" مرتب کی ہے۔ جس میں مرتب نے روزمرہ کی بول چال اور مجلسی گفتگو میں عوام و خواص سے ہورہی کوتاہیوں کی نشاندہی کرتے ہوئے ، اصلاح کی ہے۔احسان دانش نے اردو نثر کے تصنیفی ،تالیفی کارناموں ،روز مرہ اور محاورات زبان کے اغلاط کو اردو قواعد کی روشنی میں صحیح و تصحیح کاامتیاز اور فصیح و غیر فصیح کے فرق کو واضح کیا ہے۔جس سے تحریر و تقریر میں اردو زبان کے محل استعمال اور اردو مضمون نویسی کا صحیح طریقہ سے بھی واقفیت ہوجاتی ہے۔ کتاب میں اردو قواعد سے متعلق نہایت ہی اہم معلومات موجود ہیں ،جس کے لیے مرتب نے "دریائے لطافت،کیفیہ ،ضروری المبتدی فارسی،علم الالسان، گنجینہ تحقیق،اصلاح ادب،اختلاف للسان ،زباندانی اور اصول لغت " جیسی اردو قواعد کی معتبر کتب سے استفادہ کیا ہے۔اس اعتبار سے بھی یہ کتاب نقش اول کی حیثیت رکھتی ہے۔

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लेखक: परिचय

एहसानुल-हक़ (1914-1982)ज़िन्दगी का हौसला और जोश बढ़ाने वाली शाइरी के लिए मशहूर। कान्धला, मुज़फ़्फ़र नगर (उत्तर प्रदेश) में जन्म। ग़रीबी ने चौथी क्लास से आगे न पढ़ने दिया। घर चलाने के लिए मज़्दूरी करने लगे। 15 साल की उम् में लाहौर जा बसे और वहाँ भी मज़्दूरी, चौकीदारी और बाग़बानी जैसे काम किए। फिर एक बुक डिपो में नौकरी मिल गई। इन सब कामों के बीच पढ़ाई भी की और शाइरी भी। ताजवर नजीबाबादी के शागिर्द थे।

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