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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : वज़ीर अली सबा लखनवी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मत्बा नामी ग्रामी, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1855

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : क़सीदा

पृष्ठ : 205

सहयोगी : असलम महमूद

guncha-e-aarzu
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लेखक: परिचय

सबा, मीर वज़ीर अ’ली(1795-1885)लखनवी शाइ’री की तीसरी पीढ़ी के प्रमुख प्रतिनिधि शाइ’र। ख़्वाजा ‘आतिश’ के लाइक़ शागिर्द थे। अफ़ीम का शौक़ था, ख़ुद खाते और मेहमानों को खिलाते। वाजिद अ’ली शाह ने दो सौ रुपए माहवार वज़ीफ़ा बाँध रखा था, जिससे ऐश में गुज़रती थी।

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