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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इन्तिज़ार हुसैन

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : ख़ालिद अहमद

प्रकाशन वर्ष : 1981

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : अफ़साना

पृष्ठ : 171

सहयोगी : असलम महमूद

kachhwe
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पुस्तक: परिचय

انتظار حسین اردو ادب کے ایک ایسی قدآور شخصیت تھے جنھوں نے بالخصوص فکشن نگاری میں اپنے انفرادی اسلوب بیان کے ذریعہ ایک وسعت عطا کی ہے۔انھوں نے ایک ایسا فنکارانہ اسلوب یا پیرایہ اظہار اختیار کیا جس کی وجہ سے ان کا افسانہ باذوق قاری کی تلقین کرتا ہے۔انھوں نےمغربی ہیئتوں کومشرقی سانچوں میں ڈھال کر اردو افسانے کو ایک نئی ڈگر پر لاکھڑا کیا ہے۔علامتی ،استعاراتی ،داستانوی ،اساطیری ،دیومالائی اسلوب سے افسانے کو مغرب کے جدید افسانے کے مقابلے میں لاکھڑا کردیا ہے۔پیش نظر ان کے افسانوں کا مجموعہ "کچھوے" ہے۔جس میں اٹھارہ افسانے شامل ہیں۔جو اپنے موضوع اور پیشکش کے اعتبار سے منفرد ہیں۔ان افسانوں کاایک اہم موضوع ماضی کی بازیافت ہے۔تقسیم ہند کا المیہ،وطن سے دوری ،بچھڑنے کا کرب ان کے افسانوں میں نمایاں ہے۔ان کے افسانے داستانوی اسلوب کے اپنی تہذیب و روایت کے عکاس ہیں،پیش نظر کتاب میں قدامت پسند لڑکی،فراموش،نیند، کچھوئے،رات ،واپس وغیرہ افسانے شامل ہیں۔

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लेखक: परिचय

इन्तिज़ार हुसैन का जन्म 21 दिसंबर 1925 को मेरठ में हुआ था। मेरठ कॉलेज से बी.ए. किया और पाकिस्तान बनने के बाद वो लाहौर पाकिस्तान चले आए, जहाँ जामिया-ए-पंजाब से उर्दू में एम.ए करने के बाद वे पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ गए। उनका पहला फ़िक्शन संग्रह "गली कूचे " 1953 में प्रकाशित हुआ था। वो रेडियो में कॉलम भी लिखते थे। उर्दू अफ़्साना निगारी में उनका मक़ाम बहुत बुलंद है और उनके बेशुमार अफ़्साने लोगों में चर्चा का विषय हैं।  उपन्यास लेखन में उनका विशेष स्थान है। उनकी किताबों का मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा हुआ है। समीरा गिलानी ने उनकी किताब "बस्ती" और "ख़ाली  पिंजरा" का फ़ारसी में अनुवाद किया है।
उनको हुकूमत-ए-पाकिस्तान ने सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाज़ा है। इन्तिज़ार हुसैन पाकिस्तान के पहले अदीब हैं जिनका नाम मैन बुकर प्राइज़ के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया था  । 

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