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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : जाँ निसार अख़्तर

प्रकाशक : अल-हमद पब्लिकेशन्स, लाहौर

प्रकाशन वर्ष : 2003

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : कुल्लियात

पृष्ठ : 461

सहयोगी : रेख़्ता

kulliyat-e-jaan nisar akhtar
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लेखक: परिचय

जाँ-निसार अख़्तर, सय्यद जाँ-निसार हुसैन रिज़्वी (1914-1976) प्रगतिशील आन्दोलन में सक्रिय, प्रमुख शाइरों में शामिल, जिन्होंने इश्क़िया शाइरी को नए यथार्थ-बोध से परिचित कराया। फ़िल्मों के विख्यात गीतकार। ग्वालियर में जन्म। मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ में तालीम। ग्वालियर और भोपाल में अध्यापन, फिर मुंबई में क़याम। मशहूर क्लासिकी शाइर ‘मुज़्तर’ ख़ैराबादी उनके पिता थे और मशहूर फ़िल्म लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर उनके बेटे हैं।

 

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