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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मौलाना जलालुद्दीन रूमी

प्रकाशक : सब रंग किताब घर, दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1974

भाषा : Urdu, Persian

श्रेणियाँ : शाइरी, अनुवाद, सूफ़ीवाद / रहस्यवाद

उप श्रेणियां : मसनवी, शायरी, शायरी

पृष्ठ : 410

अनुवादक : क़ाज़ी सज्जाद हुसैन

सहयोगी : सुंदरैया विग्नाना केन्द्रम, हैदराबाद

masnavi maulana-e-rum
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लेखक: परिचय

पूरा नाम जलालुद्दीन रूमी. इनकी मसनवी को क़ुरआनी पहलवी भी कहते हैं. इसमें 26600 दो-पदी  छंद हैं , कहा जाता है कि निशापुर में इनकी भेंट प्रसिद्ध सूफ़ी संत शेख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार से भी हुई थी.  फ़रीदुद्दीन अत्तार ने इन्हें अपनी इलाहीनामा की एक प्रति भेंट भी की थी.  रूमी की दो शादियाँ हुईं, जिनसे इन्हें दो बेटे और एक बेटी पैदा हुई थी.  विनफ़ील्ड के अनुसार रहस्यवाद में रूमी की बराबरी कोई नहीं कर सकता. रूमी शम्स तबरेज़ को अपना मुर्शिद मानते थे और उनकी रहस्यमयी मृत्यु के बाद उन्होंने अपने दीवान का नाम भी अपने मुर्शिद के नाम पर ही रखा. रूमी की मसनवी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली किताबों में शुमार होती है|

प्रमुख रचनायें

१. मसनवी

२. दीवान-ए-शम्स तबरेज़

 

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