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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : आरज़ू सहारनपुरी

प्रकाशक : उर्दू मर्कज़, मग़रिबी बंगाल

प्रकाशन वर्ष : 1968

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 186

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

nay-o-naghma
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लेखक: परिचय

आरज़ू सहारनपुरी, साधू राम (1899-1983 ) इश्क़ और हुस्न को अध्यात्मिक अनुभव बनाने वाले नुमायाँ शाइर। सहारनपूर (उत्तर प्रदेश) में पैदाइश। घर पर अरबी, फ़ारसी, उर्दू और हिंदी पढ़ी और बाद में संस्कृत और बंगला भी सीखी। पेशे से इन्जीनियर मगर दिल-ओ-दिमाग़ से शाइर थे। ‘फ़ानी  बदायूनी की शागिर्दी में आए और उन की जैसी काव्य-दृष्टि पैदा करने की कोशिश की।

 

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