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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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लेखक: परिचय

मज्ज़ूब, ख़्वाजा अज़ीजुल-हसन ग़ौरी (1884-1944) क़लन्दर-स्वभाव के थे। जालौन (उत्तर प्रदेश) में पैदा हुए। वकालत की तालीम हासिल की मगर वकालत कभी नहीं की। कई सरकारी नौकरियाँ कीं मगर न कभी अंग्रेज़ों के लिबास पहने, न उन जैसा  बनने की कोशिश की। मोहब्बत से शराबोर शाइ’री की जो लौकिक भी है, अलौकिक भी।

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