aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
'रेख़्ता ई-पुस्तक' उर्दू किताबों का विश्व में सबसे बड़ा डिजिटल पुस्तकालय बनाने का उपक्रम है जिसमें अब तक लगभग एक लाख पुस्तकें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। इस संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। उर्दू किताबों की इस अनमोल धरोहर को उपलब्ध कराने में बहुत से पुस्तकालयों और पुस्तकों से रुचि रखने वालों ने अपने निजी संग्रह द्वारा उदारता से हमें सहयोग दिया है। इस डिजिटल पुस्तकालय में समकालीन साहित्य के अलावा क्लासिक साहित्य का बहुत बड़ा ख़ज़ाना मौजूद है जिसे विषय, काल-क्रम तथा लेखकों के नाम के क्रम से खोजा जा सकता है। आइए हमारे इस मंच से जुड़िए, पुस्तकें पढ़िए और अपने ज्ञान और अध्ययन को विस्तार दीजिए।
1797 - 1869 दिल्ली
1723 - 1810 दिल्ली
1831 - 1905 दिल्ली
1877 - 1938 लाहौर
1911 - 1984 लाहौर
यदि आप अन्य पाठकों की पसंद में रुचि रखते हैं, तो रेख़्ता पाठकों की पसंदीदा उर्दू पुस्तकों की इस सूची को देखें।
समस्तअगर आपको मशहूर पुस्तकालयों की उर्दू बुक्स की तलाश है, तो आपको यहाँ सब कुछ उपलब्ध होगा।
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