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साँस लेना भी सज़ा लगता है

अहमद नदीम क़ासमी

साँस लेना भी सज़ा लगता है

अहमद नदीम क़ासमी

MORE BYअहमद नदीम क़ासमी

    साँस लेना भी सज़ा लगता है

    अब तो मरना भी रवा लगता है

    कोह-ए-ग़म पर से जो देखूँ तो मुझे

    दश्त आग़ोश-ए-फ़ना लगता है

    सर-ए-बाज़ार है यारों की तलाश

    जो गुज़रता है ख़फ़ा लगता है

    मौसम-ए-गुल में सर-ए-शाख़-ए-गुलाब

    शो'ला भड़के तो बजा लगता है

    मुस्कुराता है जो इस आलम में

    ब-ख़ुदा मुझ को ख़ुदा लगता है

    इतना मानूस हूँ सन्नाटे से

    कोई बोले तो बुरा लगता है

    उन से मिल कर भी काफ़ूर हुआ

    दर्द ये सब से जुदा लगता है

    नुत्क़ का साथ नहीं देता ज़ेहन

    शुक्र करता हूँ गिला लगता है

    इस क़दर तुंद है रफ़्तार-ए-हयात

    वक़्त भी रिश्ता-बपा लगता है

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    पंकज उदास

    पंकज उदास

    स्रोत :
    • पुस्तक : kulliya-e-ahmad nadiim qaasmii (पृष्ठ 109)
    • रचनाकार : ahmad nadiim qaasmii
    • प्रकाशन : Farid book depot (2004)
    • संस्करण : 2004

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