ग़ज़लें
प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रकार और शयार जिन्होंने "शायर" जैसी साहित्यिक पत्रिका का संपादन किया
पाकिस्तान की नई नस्ल के नुमाइंदा आलोचकों और शायरों में शुमार, जदीद उर्दू नज़्म पर आलोचना की किताबें लिखीं
20वीं सदी के चौथे और पाँचवे दशकों के सबसे लोकप्रिय शायरों में से एक, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के समकालीन।