ग़ज़लें
1810 -1889
हर मौक़े पर याद आने वाले कई शेर देने वाले विख्यात शायर , मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन।
1951 -2019
मशहूर पाकिस्तानी शायर और माहिर-ए-लेसानियात, पाकिस्तान उर्दू लुग़त बोर्ड से वाबस्ता रहे