ग़ज़लें
मा-बाद जदीद नस्ल के नुमायाँ तरीन शायरों में से एक, जो क्लासिकी इज़हार और जदीद हिस्सियत के इम्तिज़ाज के लिए मशहूर हैं, बी.बी.सी. उर्दू सर्विस से वाबस्ता रहे, एम.सी.आर.सी. जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के डायरेक्टर भी रहे
प्रगतिशील शायर, लेखक, इक बेवफ़ा के नाम जैसी नज़्मों और अपनी आत्मकथा मेरी कहानी के लिए प्रसिद्ध