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तिलंगाना के शायर और अदीब

कुल: 323

प्रमुखतम प्रगतीशील शायरों में शामिल / अपनी भावनात्मक तीक्षणता के लिए विख्यात

उर्दू और अंग्रेजी के मशहूर प्रगतिवादी विद्वान,आलोचक, कथाकार और शायर।

अल्ताफ़ हुसैन हाली के प्रमुख शिष्य

हैदराबाद की शायरा और लेखिका; दकिनी अदब और ज़बान से संबंधित कई आलेख लिखीं. उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद के उर्दू विभाग से सम्बद्ध रहीं.

प्रतिष्ठित शायर, अपनी रुबाई के लिए मशहूर

अपने नौहों और कर्बला के परिदृश्य में लिखी गई नज़्मों और क़तात के लिए जाने जाते हैं

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

हैदराबाद के ख्यातिप्राप्त शायर, ज़िंदगी के आम विषयों पर अपंनी नज़्मों के लिए पहचाने जाते हैं

शायर और आलोचक, जलील मानकपुरी के सुपुत्र

हैदराबाद के प्रसिद्ध शायर,जोश के समकालीन, दोनों के मध्य समकालिक नोक झोंक भी रही. अपनी लम्बी नज़्म ‘कौल फैसल’ के लिए प्रसिद्ध

हैदराबाद दकन के पुरगो और क़ादिरुलकलाम शायर, जिन्होंने सख़्त और मुश्किल ज़मीनों में शायरी की, रुबाई कहने के लिए भी मशहूर

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