नज़्में
नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म (गद्द-कविता) भी उर्दू में स्थापित हो गई है।
लोकप्रिय रूमानी शायर , मलिका पुखराज ने उनकी नज़्म ' अभी तो मैं जवान हूँ ' , को गा कर प्रसिध्दि दी। पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा।
अपनी ग़ज़ल ' मोहब्बत करने वाले कम होंगे ' के लिए प्रसिध्द जिसे कई गायकों ने गाया है।
लोकप्रिय और क्रांतिकारी पाकिस्तानी शायर , राजनैतिक दमन के विरोध के लिए प्रसिद्ध
आधुनिक भारतीय रंग-मंच के अग्रणी हस्ताक्षरों में शामिल। अपने नाटक 'आगरा बाज़ार ' के लिए प्रसिद्ध