Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

नज़्में

नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म (गद्द-कविता) भी उर्दू में स्थापित हो गई है।

1934 -1966

प्रसिद्ध पाकिस्तानी शायर। कम उम्र में आत्म हत्या की

1971

शायर और फ़िल्म गीतकार

1958

संजीदा सोच के लोकप्रिय शायर।

1916 -1970

प्रसिद्ध फ़िल्म गीतकार और शायर

1942 -2013

अपनी शायरी में गहन स्त्री चेतना की अक्कासी करने वाली शायरा

1935 -2020

शायर, कथाकार और श्रेष्ठ उर्दू समीक्षक

1913 -1975

प्रसिद्ध राष्ट्रवादी एवं तरक़्क़ी-पसंद शाइर

1939 -2021

अग्रणी उर्दू आलोचक और भारतीय संस्कृति के विद्वान

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए