नज़्में
नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म (गद्द-कविता) भी उर्दू में स्थापित हो गई है।
महिला समस्याओं को अपनी कहानियों का विषय बनाने वाली मशहूर लेखिका, अपनी कहानी ‘पारसा बीबी का बघार’ के लिए प्रसिद्ध।
उर्दू नज़्म के आशाजनक उर्दू शायर जिन्होंने 24 वर्ष की आयु में आत्महत्या कर ली।
शायर, संपादक, आज़ादी के संघर्ष में हिस्सा लेने वाले एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता
प्रमुखतम आधुनिक शायरों में विख्यात/अपनी साहित्यिक पत्रिका ‘ज़ह्न-ए-जदीद’ के लिए प्रसिद्ध
उर्दू और फ़ारसी के शायर, हास्य-व्यंग्य एवं विशिष्ट शैली में अपना कलाम सुनाने के लिए प्रसिद्ध