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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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क़तआ'त

गज़ल में कभी कभी बीच में दो-तीन ऐसे अशआर लाये जाते हैं जिन में कोई बात निरंतरता के साथ बयान की जाती है। ये चंद अशआर ग़ज़ल के शेरों से अलग होते हैं, इस लिए इन्हें क़तअ कहते हैं। जिस ग़ज़ल में क़तअ हो उसे क़तअ-बंद ग़जल कहा जाता है।

1959

हनीफ़ नज्मी आधुनिक उर्दू कविता की प्रमुख आवाज़ हैं।

1900 -1982

लोकप्रिय रूमानी शायर, पाकिस्तान का राष्ट्रगान लिखा

1928 -1993

लोकप्रिय और क्रांतिकारी पाकिस्तानी शायर , राजनैतिक दमन के विरोध के लिए प्रसिद्ध

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