Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

रुबाई

रुबाई उर्दू की नज़्म-शायरी की विधा है जो चार मिसरों पर आधारित होती है। इन चार मिसरों में पहले, दूसरे और चौथे मिसरों में क़ाफ़िए की समानता होती है। रुबाई के लिए 24 वज़्न (छंद) तय हैं। किसी रुबाई के सारे मिसरे इन में से किसी एक वज़्न में हो सकते हैं और हर मिसरा अलग वज़्न में भी हो सकता है।

1846 -1921

उर्दू में हास्य-व्यंग के सबसे बड़े शायर , इलाहाबाद में सेशन जज थे।

1909 -1988

व्यंग युक्त भावनात्मक तीक्ष्णता के लिए प्रख्यात

1905 -1948

सबसे लोकप्रिय उर्दू शायरों में से एक। गहरी रूमानी शायरी के लिए प्रसिद्ध

1927 -2010

अहम पाकिस्तानी शायर और अनुवादक जिन्होंने विश्वसाहित्य के अनुवाद के साथ ‘गीतांजली’ का उर्दू अनुवाद भी किया

1769 -1851

मुग़ल बादशाह शाह आलम सानी के उस्ताद, मीर तक़ी मीर के बाद के शायरों के समकालीन

1878 -1961

प्रतिष्ठित शायर, अपनी रुबाई के लिए मशहूर

1930 -2019

कलकत्ता के प्रसिद्ध शायर. ग़ज़ल, नज़्म और रुबाई जैसी विधाओं में रचनाएं की. बच्चों के लिए लिखी नज़्मों के कई संग्रह प्रकाशित हुए. कई साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादक रहे

1837 -1914

उर्दू आलोचना के संस्थापकों में शामिल/महत्वपूर्ण पूर्वाधुनिक शायर/मिजऱ्ा ग़ालिब की जीवनी ‘यादगार-ए-ग़ालिब लिखने के लिए प्रसिद्ध

1877 -1938

महान उर्दू शायर, पाकिस्तान के राष्ट्र-कवि जिन्होंने 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा' और 'लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी' जैसे गीतों की रचना की

1857/58 -1914

हैदराबाद दकन के पुरगो और क़ादिरुलकलाम शायर, जिन्होंने सख़्त और मुश्किल ज़मीनों में शायरी की, रुबाई कहने के लिए भी मशहूर

1873 -1951

प्रख्यात पूर्व-आधुनिक शायर, जिगर मुरादाबादी के समकालीन।

1893 -1946

लखनऊ के लोकप्रिय शायर और विद्वान, दाग़ और नातिक़ गुलावठी के शागिर्द. ग़ालिब और हाफ़िज़ के कलम की व्याख्यान की और अनुवाद किया. इसके अलावा उर्दू की क़दीम शायरात (प्राचीन कवयित्रियों) का तज़्किरा भी सम्पादित किया

1844 -1917

बच्चों की शायरी के लिए प्रसिद्ध

1919 -2001

सबसे लोकप्रिय शायरों में शामिल/प्रमुख फि़ल्म गीतकार/अपनी गज़ल ‘गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते है’ के लिए प्रसिद्ध

1925 -2001

प्रमुख स्कॉलर / दीवान-ए-ग़ालिब को काल-क्रम के अनूसार संकलित करने के लिए विख्यात

1889 -1934

रुबाई के मशहूर शायर, गौतम बुद्ध पर नज़्म के लिए प्रख्यात

1962

प्रमुख उत्तर-आधुनिक शायर

1898 -1982

सबसे गर्म मिज़ाज प्रगतिशील शायर जिन्हें शायर-ए-इंकि़लाब (क्रांति-कवि) कहा जाता है

1887 -1966

प्रसिद्ध उर्दू स्कालर और शायर जगन्नाथ आज़ाद के पिता

रियासत टोंक के शायर, विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गये. ‘शोला-ए-जां’ नाम से काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ

1735 -1830

मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन। अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली, दीवाली, श्रीकृष्ण पर नज़्मों के लिए मशहूर

1927 -1969

प्रमुख उर्दू शायर/ क़तआत के लिए मशहूर

1948

एक सक्रिय साहित्यिक पत्रकार होने के अलावा, वह एक कथा लेखक, आलोचक, अनुवादक और यात्रा लेखक भी हैं

1879 -1941

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात।

1896 -1982

प्रमुख पूर्वाधुनिक शायरों में विख्यात, जिन्होंने आधुनिक उर्दू गज़ल के लिए राह बनाई/अपने गहरे आलोचनात्मक विचारों के लिए विख्यात/भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित

1840 -1900

दाग़ के समकालीन, उर्दू और फ़ारसी में शायरी की, आधुनिक शायरी के आंदोलन से प्रभावित होकर नये अंदाज़ की नज़्में भी लिखीं

1927 -2006

प्रमुख आलोचक, अपनी बेबाकी और परम्परा-विरोध के लिए विख्यात

1850 -1885

हिंदी के नवीकरण के प्रचारक, क्लासिकी शैली में अपनी उर्दू ग़ज़ल के लिए प्रसिद्ध

1814 -1880

प्रसिद्ध क्लासिकी शायर जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए