आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ",gTh"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ",gTh"
ग़ज़ल
गाह क़रीब-ए-शाह-रग गाह बईद-ए-वहम-ओ-ख़्वाब
उस की रफ़ाक़तों में रात हिज्र भी था विसाल भी
परवीन शाकिर
ग़ज़ल
दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में
लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं
फ़िराक़ गोरखपुरी
अन्य परिणाम ",gTh"
नज़्म
मुहासरा
सो शर्त ये है जो जाँ की अमान चाहते हो
तो अपने लौह-ओ-क़लम क़त्ल-गाह में रख दो
अहमद फ़राज़
नज़्म
तुलू-ए-इस्लाम
फिर उट्ठी एशिया के दिल से चिंगारी मोहब्बत की
ज़मीं जौलाँ-गह-ए-अतलस क़बायान-ए-तातारी है
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
परछाइयाँ
उस शाम मुझे मालूम हुआ इस कार-गह-ए-ज़र्दारी में
दो भोली-भाली रूहों की पहचान भी बेची जाती है