आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "دشمن"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "دشمن"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "دشمن"
अन्य परिणाम "دشمن"
ग़ज़ल
ये वक़्त आने पे अपनी औलाद अपने अज्दाद बेच देगी
जो फ़ौज दुश्मन को अपना सालार गिरवी रख कर पलट रही है
तहज़ीब हाफ़ी
ग़ज़ल
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता