aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "लड़का"
मह लक़ा चंदा
1768 - 1824
शायर
मैं अपने शहर का सब से गिरामी नाम लड़का थामैं बे-हंगाम लड़का था मैं सद-हंगाम लड़का था
दफ़ना दिया गया मुझे चाँदी की क़ब्र मेंमैं जिस को चाहती थी वो लड़का ग़रीब था
ख़ुद ही इक दर पे मैं ने दस्तक दीख़ुद ही लड़का सा मैं निकल आया
एक छोटा सा लड़का था मैं जिन दिनोंएक मेले में पहुँचा हुमकता हुआ
मैं उन आँखों का ज़िक्र कर रहा था जो मुझे बेहद पसंद थीं। पसंद का मुआमला इन्फ़िरादी हैसियत रखता है। बहुत मुम्किन है अगर आप ये आँखें देखते तो आप के दिल-ओ-दिमाग़ में कोई रद्द-ए-अमल पैदा न होता। ये भी मुम्किन है कि आपसे अगर उनके बारे में कोई राय...
इस चयन में अख़्तरुल ईमान की कुछ नज़्में शामिल हैं। ग़ज़ल शैली को आमतौर पर उर्दू में सराहा जाता है और लगभग हर शायर ग़ज़ल लिखने की कोशिश करता है, लेकिन अख़्तरुल ईमान ने ग़ज़ल के बजाय नज़्मों को चुना और नज़्म के एक सफ़ल शायर के रूप में लोकप्रिय हो गए, उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता "एक लड़का है" जो इस चयन का हिस्सा है हम इस चयन के माध्यम से उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि पेश करते हैं ।
लड़काلڑکا
boy, knave, lad, youngster
Deewan-e-Mah Laqabai Chanda
दीवान
एक लड़की एक जाम
अमृता प्रीतम
अफ़साना
प्यारी सी पहाड़ी लड़की
मसूद अहमद बरकाती
अनुवाद
लड़की नागिन थी
कि़स्सा / दास्तान
हयात-ए-माह लक़ा चंदा
जीवनी
लड़क़ों के नाम
Mah Laqa
संकलन
लड़की एक दिल के वीराने में
रशीदा रिज़विया
उपन्यास
यहूदी की लड़की
आग़ा हश्र काश्मीरी
फ़िल्मी-नग़्मे
Gulzar-e-Mahlaqa
कविता
लड़का लड़की
Gulzaar-e-Mah Liqaa
ताज़गी
मोहम्मद शरफ़ुद्दीन साहिल
नज़्म
एक थी लड़की
रूप मलिक
मेरा ख़याल है कि मेरे होश-ओ-हवास पूरी तरह सलामत नहीं थे। गंदे नाले में गिरते वक़्त तो क़तअन मुझे होश नहीं था। जब बाहर निकला तो जो हादिसा वक़ूअ पज़ीर हुआ था, उसके ख़द्द-ओ-ख़ाल आहिस्ता आहिस्ता दिमाग़ में उभरने शुरू हुए। दूर शोर की आवाज़ सुनाई दे रही थी जैसे...
शुजाअ'त मामूँ की उ'म्र का मसअला बड़ी नाज़ुक सूरत इख़्तियार कर गया। क़मर आरा और नूर ख़ाला के लिए तो वो अभी लड़का ही थे। इसलिए वो तो मारे हौल के बरसों की गिनती में बार-बार घपला डाल देतीं। क्योंकि उनकी उ'म्र का हिसाब लग जाने से ख़ुद ख़ालाओं की...
जमीला ने ये सुन कर शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस के दो सिपाही जो उस वक़्त बाग़ में ड्यूटी पर थे, दौड़ते आए और जमीला से पूछा, “बहन क्या बात है?” जमीला ने महमूद की तरफ़ देखा जो सहमा खड़ा था और कहा, “ये लड़का मुझसे छेड़ख़ानी...
मुझे इक लड़का आवारा-मनुश आज़ाद सैलानीमुझे इक लड़का जैसे तुंद चश्मों का रवाँ पानी
जब हमने इंटरेन्स पास किया तो मक़ामी स्कूल के हेड मास्टर साहब ख़ास तौर से मुबारकबाद देने के लिए आये। क़रीबी रिश्तेदारों ने दा’वतें दीं। मोहल्ले वालों में मिठाई बांटी गयी और हमारे घर वालों पर यक लख़्त इस बात का इंक्शाफ़ हुआ कि वह लड़का जिसे आज तक अपनी...
किस को ख़बर ये कितनी क़यामत ढाता हैये लड़का जो इतना बेचारा लगता है
लड़की सर को झुकाए बैठीकाफ़ी के प्याले में चमचा हिला रही है
एक लड़का शहर की रौनक़ में सब कुछ भूल जाएएक बुढ़िया रोज़ चौखट पर दिया रौशन करे
लड़के सब से ज़्यादा ख़ुश हैं। किसी ने एक रोज़ा रखा, वो भी दोपहर तक। किसी ने वो भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की ख़ुशी इनका हिस्सा है। रोज़े बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे, बच्चों के लिए तो ईद है। रोज़ ईद का नाम रटते थे, आज वो आ गई। अब...
सौगंधी इतनी चालाक नहीं थी जितनी ख़ुद को ज़ाहिर करती थी। उसके गाहक बहुत कम थे ग़ायत दर्जा जज़्बाती लड़की थी। यही वजह है कि वो तमाम गुर जो उसे याद थे उसके दिमाग़ से फिसल कर उसके पेट में आ जाते थे जिस पर एक बच्चा पैदा करने के...
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books