aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "सहेली"
कल मेरी एक प्यारी सहेली किताब मेंइक ख़त छुपा रही थी कि तुम याद आ गए
इसी तरह उसने और बहुत सी निशानियां क़ायम करली थीं, मसलन बड़े बड़े हुरूफ़ में जहां कोयलों की दूकान लिखा था, वहां उसकी सहेली हीरा बाई रहती थी जो कभी कभी रेडियो घर में गाने जाया करती थी, जहां शरिफ़ा के खाने का आला इंतिज़ाम है। लिखा था वहां उसकी...
उर्दू है मिरा नाम मैं 'ख़ुसरव' की पहेलीमैं 'मीर' की हमराज़ हूँ 'ग़ालिब' की सहेली
देर तक वो ख़ामोश रही। देर तक मैं ख़ामोश रहा। फिर वो आप ही आप हंसी, बोली “अब्बा मेरे पगडंडी के मोड़ तक मेरे साथ आए थे, क्यों कि मैंने कहा, मुझे डर लगता है। आज मुझे अपनी सहेली रज्जो के घर सोना है, सोना नहीं जागना है। क्योंकि बादाम...
समझाया बार-हा कि बचो प्यार-व्यार सेलेकिन कोई सहेली कहा मानती नहीं
सहेलीسہیلی
female friend, girlfriend
Shumara Number-006
नाैशाबा ख़ातून
सहेली, लाहौर
शुमारा नम्बर-004
ज़ेहरा बुतूल
सहेली, अमृतसर
Shumaara Number-006
Shumaara Number-004
Shumaara Number-008
अब्दुल मजीद
Shumara Number-011
रज़िया ख़ातून
Nov 1928सहेली, अमृतसर
Shumaara Number-010
Shumara Number-006,007
Jul 1928सहेली, अमृतसर
शुमारा नम्बर-001
Shumaara Number-001, 002
अननोन एडिटर
सहेली
फ़िल्मी-नग़्मे
Shumara Number-001
Apr 1934सहेली, लाहौर
Shumara Number-013,014
Apr 1931सहेली, लाहौर
Shumaara Number-003, 004
सलीम तो अपने इरादों में कामयाब न हुआ। मगर तक़दीर ने उसकी मदद की उस की वालिदा ने उस के लिए रिश्ता ढूँडना शुरू किया निगाह-ए-इंतिख़ाब आख़िर सीमा पर पड़ी जो उस की सहेली की सहेली की लड़की थी। बात पक्की हो गई, मगर सलीम ने इनकार कर दिया इस...
अब काम में उसका जी नहीं लगता था लेकिन इस बेदिली के होते हुए भी वो काहिली नहीं बरतता था। चुनांचे यही वजह है कि घर में कोई भी उसके अंदरूनी इंतिशार से वाक़िफ़ नहीं था। रज़िया थी सो वो दिन भर बाजा बजाने, नई नई फ़िल्मी तरज़ें सीखने और...
“खेलो...” फिर थोड़े से तवक्कुफ़ के बाद उसके बाप ने कहा, “तुम्हारी माँ मेरा सरदबा रही है... ज़्यादा शोर न मचाना।” ये सुन कर मसऊद ने गेंद वहीं पड़ी रहने दी और हाकी हाथ में लिए सामने वाले कमरे का रुख़ किया। उसका एक दरवाज़ा बंद था और दूसरा नीम...
दिन सहेली की तरह साथ रहा आँगन मेंरात दुश्मन की तरह जान जलाने आई
गामा की बीवी बोली, “आयशा ने अपनी किसी सहेली से ज़िक्र किया... बात उड़ती-उड़ती मुझ तक पहुंच गई।” बड़ी सदमा ज़दा आवाज़ में गामा ने कहा, “ये तो बहुत बुरा हुआ!”...
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आए होंगेसर न काँधे से सहेली के उठाया होगा
“तुम अपने दुख मुझे दे दो।” मदन सख़्त हैरान हुआ। साथ ही अपने आप पर एक बोझ उतरता हुआ महसूस हुआ। उसने चाँदनी में एक बार फिर इंदू का चेहरा देखने की कोशिश की लेकिन वह कुछ न जान पाया। उसने सोचा ये माँ या किसी सहेली का रटा हुआ...
चंद लम्हात की ख़ामोशी के बाद वो एक गिलास पानी मांगता है। कृष्ण कुमारी उसको पानी पिलाती है। पानी पीने के बाद वो कृष्णा कुमारी से फिर पूछता है, “मुन्नी, ये झुमके तू ने कहाँ से लिये हैं?” कृष्णा कुमारी थोड़े से तवक्कुफ़ के बाद ज़रा हिक्मत से झूट बोलते...
पर्दे पर जब साया कम और रोशनी ज़्यादा होती तो अख़लाक़ ने उस लड़की को एक नज़र देखा। उस के माथे पर पसीने के नन्हे-नन्हे क़तरे थे। नाक की फ़िनिंग पर चंद बूंदें थीं, जब अख़लाक़ ने उसकी तरफ़ देखा तो उसकी टांग हिलना बंद होगई। एक अदा के साथ...
किसी ने मश्वरा दिया कि हकीम नब्बाज़ मिल्लत से रुजू कीजिए। नब्ज़ पर उंगली रखते ही मरीज़ का शिजरा-ए-नसब बता देते हैं (इसी वजह से कराची में उनकी तबाबत ठप है) क़ारुरे पर नज़र डालते ही मरीज़ की आमदनी का अंदाज़ा कर लेते हैं। आवाज़ अगर साथ देती तो मैं...
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