आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "anwar ul haq maulwi mohammad anwarullah ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "anwar ul haq maulwi mohammad anwarullah ebooks"
ग़ज़ल
न मेरी बात ही समझा न मेरा मुद्दआ' समझा
सुना क़िस्सा मगर क्या जाने उस ज़ालिम ने क्या समझा
अनवारुल हक़ अहमर लखनवी
ग़ज़ल
चलो दिल की कहानी को मुकम्मल कर दिया जाए
बची है जो जगह ख़ाली उसे भी भर दिया जाए
राघवेंद्र द्विवेदी
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "anwar ul haq maulwi mohammad anwarullah ebooks"
अन्य परिणाम "anwar ul haq maulwi mohammad anwarullah ebooks"
ग़ज़ल
न जाएगा किसी के गेसुओं का ख़म-ब-ख़म होना
बहुत मुश्किल है मेरे शौक़ की उलझन का कम होना
अनवारुल हक़ अहमर लखनवी
नज़्म
पहला जश्न-ए-आज़ादी
ऐ हिन्द के बाशिंदो आओ उजड़ा गुलज़ार सजा डालें
अब दौर-ए-ग़ुलामी ख़त्म हुआ इक ताज़ा जहाँ की बिना डालें
कँवल डिबाइवी
नज़्म
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ
इतनी गुज़री है गिराँ चीज़ों की अर्ज़ानी मुझे
हो गया है ताज़ा सौदा-ए-ग़ज़ल-ख़्वानी मुझे
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
अपने नाम एक नज़्म
उसे दुख के साथ ब्याहा गया
कि जब आँख खुली तो सर पर सूरज जलती नाँद में धूल