aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gupt"
सूर्यभानु गुप्त
born.1940
शायर
ध्रुव गुप्त
born.1950
मैथिलीशरण गुप्त
1886 - 1964
भगवान चंदर गुप्त
लेखक
मन्मथनाथ गुप्त
1908 - 2000
बालमुकुंद गुप्त
1865 - 1907
हरी राम गुप्त
मदन मोहन गुप्त
मेवा राम गुप्त
योगेश गुप्त
छज्जूमल गुप्त
शियाराम शरण गुप्त
चन्द्र गुप्त प्रेस, दिल्ली
पर्काशक
कृष्ण गुप्त
माताप्रसाद गुप्त
ये दिल है कि जलते सीने में इक दर्द का फोड़ा अल्लहड़ साना गुप्त रहे ना फूट बहे कोई मरहम हो कोई निश्तर हो
दिल लगाने की भूल थे पहलेअब जो पत्थर हैं फूल थे पहले
रंज इस का नहीं कि हम टूटेये तो अच्छा हुआ भरम टूटे
कुछ दहशत हर बार ख़रीदाजब हम ने अख़बार ख़रीदा
उल्टे सीधे गिरे पड़े हैं पेड़रात तूफ़ान से लड़े हैं पेड़
घुटگُھٹ
छोटा घुटना
घूँटگُھونٹ
पानी या और किसी द्रव पदार्थ का उतना अंश जितना एक बार में गले के नीचे उतारा जाय, किसी तरल पदार्थ की थोड़ी मात्रा
गुप्तگُپْت
रहस्य, पोशीदा बात, राज़
घुपाگھُپا
cave
हिंदुस्तान की जंग-ए-आज़ादी के अमर शहीदों की सच्ची कहानियाँ
भारत का इतिहास
Hindustan Ki Jang-e-Azadi Ke Musalman Mujahideen
Dec 1988
Aurat
नीतिपरक
नॉवेल / उपन्यास
Ilm-e-Keemiagari
जायसी-ग्रंथावली
काव्य संग्रह
Lalach Buri Bala Hai
कहानी
Shaheed-e-Watan Ashfaqullah Khan
Sikhon Ka Itihas
सिख-मत
Dard Ki Tasweer
Hamara Raj
Magazine Bad Hawa Bawah
Kaath Ki Handi
Deewan-e-Ghalib Kamil
मिर्ज़ा ग़ालिब
दीवान
Premchand
प्रकाश चंद्र गुप्ता
विनिबंध
अपने घर में ही अजनबी की तरहमैं सुराही में इक नदी की तरह
किसी नगर में एक राजा राज करता था। उसकी एक रानी थी। उस रानी को कपड़े और गहने का बहुत ज़्यादा शौक़ था। उसे कभी सोने का कर्ण-फूल चाहिए, कभी हीरे का हार तो कभी मोतियों की माला। कपड़ों की तो बात ही न पूछिए। भागल पुरी टसरावर, ढाके की...
हर लम्हा ज़िंदगी के पसीने से तंग हूँमैं भी किसी क़मीज़ के कॉलर का रंग हूँ
जिन के अंदर चराग़ जलते हैंघर से बाहर वही निकलते हैं
हैं हवाओं में तल्ख़ियाँ शायदआँधियों में हो कुछ बयाँ शायद
कभी क़ुर्बत है फ़ासले हैं कभीदरमियाँ अपने बे-मज़ा क्या है
अगरचे सख़्त सफ़र है धुआँ घना होगाकहीं कोई तो मिरी राह देखता होगा
तन्हा मंज़र हैं तो क्यासात समुंदर हैं तो क्या
एक भटकी सदा सा रहता हूँआज-कल बे-पता सा रहता हूँ
गुप्त धनों का हाल बताया चोरों कोलोग वही जो चौकस थे निगरानी में
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