आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qabaa-e-amn"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "qabaa-e-amn"
ग़ज़ल
रस्म-ओ-राह-ए-का'बा-ओ-बुत-ख़ाना से हूँ बा-ख़बर
मुख़्तलिफ़ अंदाज़ के सज्दे किया करता हूँ मैं
अम्न लख़नवी
ग़ज़ल
ये तेरी बे-ज़री और हासिदों का ये हसद तौबा
अगर ऐ 'अम्न' तेरे पास ज़र होता तो क्या होता
अम्न लख़नवी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "qabaa-e-amn"
समस्त
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "qabaa-e-amn"
अन्य परिणाम "qabaa-e-amn"
ग़ज़ल
मजरूह सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
सुब्ह-ए-शब-ए-इंतिज़ार
खड़ा है हौसला-ए-अम्न-ओ-आश्ती ले कर
न कोई ख़ोद बदन पर न हाथ में शमशीर
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
ऐसी बस्ती में मियाँ अम्न-ओ-अमाँ का क्या सवाल
सुल्ह-जू कम हों जहाँ पर और बलवाई बहुत
शान-ए-हैदर बेबाक अमरोहवी
नज़्म
शाम है धुआँ धुआँ
उड़ती थी क़बा-ए-जिस्म वहीं
बेचैन हुई फिर रूह बहुत