aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "vaada-shikan"
मेरे वा'दा-शिकनतू परेशाँ न हो
बेवफ़ा वा'दा-शिकन और सितमगर निकलामैं ने समझा था जिसे फूल वो पत्थर निकला
इसी लिए तो बयाबाँ में मेरा मस्कन हैहरीफ़-ए-वा'दा-शिकन जानवर नहीं होता
फिर जी में है कि खाइए कोई नया फ़रेबफिर आ रही है इक बुत-ए-वा'दा-शिकन की याद
छिड़ा जब तज़्किरा अह्द-ए-वफ़ा काकोई वा'दा शिकन याद आ गया है
रावन वध
वासुदेवशरण अग्रवाल
मुझे लग रहा था उसे रंज होगाशिकन तक न आई थी वा'दा-शिकन पर
ऐ मिरे वादा-शिकन एक न आने से तिरेदिल को बहकाने कई तल्ख़ तवहहुम आए
अब मिरे शहर की पहचान है इक वादा-शिकनशहरियत बदलूँ कि तारीख़ का इंकार करूँ
मिलना है तो मिल जाओ यहीं हश्र में क्या हैइक उम्र मिरे वा'दा-शिकन कम नहीं होती
हो न जाए कहीं नाराज़ मिरा वा'दा-शिकन'फ़ौज़िया' इस के लिए सर को भी ख़म रखते हैं
कोई वा'दा जिस का मा'नी-आश्ना होता नहींफिर उसी वा'दा-शिकन पर ए'तिबार आ ही गया
किस क़यामत का है दीदार तिरा वादा-शिकनदिल-ए-बेताब ने इक हश्र उठा रक्खा है
लौटते वक़्त की बे-कैफ़ थकन को भूलेंकिस के घर जाएँ कि उस वा'दा शिकन को भूलें
भरोसा उस के क़ौल-ओ-फ़े'ल का क्यावो बुत बे-मेहर है वा'दा-शिकन है
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