aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "روشن"
रुख़-ए-रौशन के आगे शम्अ रख कर वो ये कहते हैंउधर जाता है देखें या इधर परवाना आता है
जनाब के रुख़-ए-रौशन की दीद हो जातीतो हम सियाह-नसीबों की ईद हो जाती
उन्हीं के फ़ैज़ से बाज़ार-ए-अक़्ल रौशन हैजो गाह गाह जुनूँ इख़्तियार करते रहे
बड़े ताबाँ बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैंसहर की राह तकना ता सहर आसाँ नहीं होता
रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमामदहका हुआ है आतिश-ए-गुल से चमन तमाम
एक लड़का शहर की रौनक़ में सब कुछ भूल जाएएक बुढ़िया रोज़ चौखट पर दिया रौशन करे
चाँद सी शक्ल जो अल्लाह ने दी थी तुम कोकाश रौशन मिरी क़िस्मत का सितारा करते
अभी रौशन हुआ जाता है रस्तावो देखो एक औरत आ रही है
अक़्ल से सिर्फ़ ज़ेहन रौशन थाइश्क़ ने दिल में रौशनी की है
एक रौशन दिमाग़ था न रहाशहर में इक चराग़ था न रहा
जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखेंदिल कहता है उन को भी मैं याद आता हूँ
दिये अब शहर में रौशन नहीं हैंहवा की हुक्मरानी हो गई क्या
आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैंआज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ
अजीब बात है दिन भर के एहतिमाम के बा'दचराग़ एक भी रौशन हुआ न शाम के बा'द
तेरी ताबिश से रौशन हैं गुल भी और वीराने भीक्या तू भी इस हँसती-गाती दुनिया का मज़दूर है चाँद?
वो चाँद टूट गया जिस से रात रौशन थीचमक रहे थे फ़लक पर जो सब सितारे गए
आज न जाने राज़ ये क्या हैहिज्र की रात और इतनी रौशन
ये डूबती हुई क्या शय है तेरी आँखों मेंतिरे लबों पे जो रौशन है उस का नाम है क्या
चाँद बनना तुम्हें मुबारक होघर हमारा करोगे कब रौशन
प्यार की जोत से घर घर है चराग़ाँ वर्नाएक भी शम्अ न रौशन हो हवा के डर से
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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