आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "سانپ"
शेर के संबंधित परिणाम "سانپ"
शेर
ज़रा उन की शोख़ी तो देखना लिए ज़ुल्फ़-ए-ख़म-शुदा हाथ में
मेरे पास आए दबे दबे मुझे साँप कह के डरा दिया
नवाब सुल्तान जहाँ बेगम
शेर
डर के किसी से छुप जाता है जैसे साँप ख़ज़ाने में
ज़र के ज़ोर से ज़िंदा हैं सब ख़ाक के इस वीराने में
मुनीर नियाज़ी
शेर
आस्तीनों में छुपा कर साँप भी लाए थे लोग
शहर की इस भीड़ में कुछ लोग बाज़ीगर भी थे
पी पी श्रीवास्तव रिंद
शेर
चमक ज़र की उसे आख़िर मकान-ए-ख़ाक में लाई
बनाया साँप ने जिस्मों में घर आहिस्ता आहिस्ता
मुनीर नियाज़ी
शेर
गहरे सुर्ख़ गुलाब का अंधा बुलबुल साँप को क्या देखेगा
पास ही उगती नाग-फनी थी सारे फूल वहीं मिलते हैं
अज़ीज़ हामिद मदनी
शेर
उस के लहराने में चाल आई न मुतलक़ साँप की
मौज-ए-दरिया करती है तक़लीद नाहक़ साँप की