आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "شری"
शेर के संबंधित परिणाम "شری"
शेर
सिवा उस के न कोई और मेरा दोस्त बन पाए
वो इस डर से ज़माना में मुझे बदनाम करता है
निशांत श्रीवास्तव नायाब
शेर
हिफ़ाज़त हर किसी की वो बड़ी ख़ूबी से करता है
हवा भी चलती रहती है दिया भी जलता रहता है
निशांत श्रीवास्तव नायाब
शेर
ये इश्क़ ही था जिस से मिली शोहरतें तुम्हें
वर्ना तुम्हारा शहर तुम्हें जानता न था
निशांत श्रीवास्तव नायाब
शेर
ब-ज़ाहिर दश्त की जानिब तो बढ़ता जा रहा है
मगर सब रास्ते भी याद करता जा रहा है