aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "فادر"
हर मुल्क इस के आगे झुकता है एहतिरामनहर मुल्क का है फ़ादर हिन्दोस्ताँ हमारा
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैंजिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं
इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहींचंद लम्हों में फ़ैसला न करो
तेरे जाने में और आने मेंहम ने सदियों का फ़ासला देखा
हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराबआई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
देखने वालो तबस्सुम को करम मत समझोउन्हें तो देखने वालों पे हँसी आती है
रोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लेंजिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया
मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिफ़ हैक्या मिरे हक़ में फ़ैसला देगा
ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहींयाद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह
तेरी आँखों में हम ने क्या देखाकभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा
ये सिखाया है दोस्ती ने हमेंदोस्त बन कर कभी वफ़ा न करो
हम से पूछो न दोस्ती का सिलादुश्मनों का भी दिल हिला देगा
मेरे दुख की कोई दवा न करोमुझ को मुझ से अभी जुदा न करो
एक दो रोज़ का सदमा हो तो रो लें 'फ़ाकिर'हम को हर रोज़ के सदमात ने रोने न दिया
मेरे रुकते ही मिरी साँसें भी रुक जाएँगीफ़ासले और बढ़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी
आशिक़ी हो कि बंदगी 'फ़ाख़िर'बे-दिली से तो इब्तिदा न करो
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दियावर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया
दिल तो रोता रहे और आँख से आँसू न बहेइश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया
हर तरफ़ ज़ीस्त की राहों में कड़ी धूप है दोस्तबस तिरी याद के साए हैं पनाहों की तरह
अपनी सूरत लगी पराई सीजब कभी हम ने आईना देखा
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